Haryana Parali Yojana Registration: दिल्ली व हरियाणा में काफ़ी वायु प्रदूषण होता है. इन दिनों यह और भी बढ़ जाता है क्योंकि किसानों द्वारा धान की खेती कर जो पराली जलाई जाती है वह वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है. धान की खेती के बचे हुए अवशेष को पराली कहा जाता है पराली से होने वाले धुएं के कारण बहुत ज्यादा वायु प्रदूषण होता है. इससे बहुत सारी बीमारियां फैलती हैं. ऐसे में सरकार इसे रोकने के लिए एक उपाय लेकर आई है. सरकार की इस योजना का नाम हरियाणा पराली योजना है.
पराली के कारण होता है वायु प्रदूषण
किसानों द्वारा धान की खेती कर जो पराली बचती है उसको जलाया जाता हैं जिससे और ज्यादा वायु प्रदूषण बढ़ता है. वर्तमान में सरकार एक ऐसी योजना लाई है जिसमें किसान पराली को सरकार को बेच सकते है, जिसके बदले में सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशी प्रदान करेगी. हरियाणा सरकार चाहती है कि हरियाणा में वायु प्रदूषण कम से कम हो इसके लिए वह कई तरह की योजनाये क्रियान्वित कर रही है. इसी के चलते हरियाणा पराली योजना शुरू की गई है.
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर करना होगा रजिस्ट्रेशन
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. आइये जानते हैं कि योजना से क्या लाभ होगा, किस प्रकार योजना में रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया क्या रहने वाली है. हम आपको पंजीकरण प्रक्रिया, लाभार्थी सूची पोर्टल, हेल्पलाइन नंबर आदि से जुड़ी हुई सभी जानकारी यहां पर उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि आप योजना के तहत आसानी से अपना पंजीकरण कर पाए और योजना का लाभ ले पाए.
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
- इस योजना के तहत सरकार सभी किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पराली खरीद कर उसके बदले पैसे दे रही है.
- इस योजना से किसानों की अतिरिक्त आमदनी होगी जिससे उनके और उनके परिवार को बहुत लाभ होगा.
- सरकार हरियाणा के किसानों से पराली खरीद कर उन्हें ₹1000 प्रति एकड़ के हिसाब से आर्थिक मदद प्रदान करेगु.
- किसान पराली का बंडल बनाकर उसे बेच सकते हैं. इसके बदले में किसानों को अधिकतम ₹1000 प्रति एकड़ या ₹50 प्रति क्विंटल की राशि मिलेगी.
- हरियाणा सरकार ने बताया है कि अब कई ऐसी कंपनियां सामने आ रही है जो पराली खरीद कर किसानों को अच्छे दाम देने के लिए तैयार है. इससे किसानों को भी लाभ होगा और वातावरण भी शुद्ध बना रहेगा.
- इस योजना से वायु प्रदूषण में कमी आएगी.
किस प्रकार होगा योजना का क्रियान्वयन
- किसान पराली की गांठ बनाकर ग्राम पंचायत में ले जा सकते जिसके बाद पंचायत अधिकारियों द्वारा उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा.
- इसके अतिरिक्त जमीन पर पराली की गांठे इकट्ठी कर पंचायत से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है.
किस प्रकार करें योजना में अपना रजिस्ट्रेशन
- पंचायत से किसान को प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाने के बाद ऑनलाइन पोर्टल में जाना होगा.
- इस पोर्टल में सबसे पहले किसान को पराली की गांठ के उचित निष्पादन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
- यहां किसानों को कुल धान का रकबा, प्रबंधन रखवा और खाता नंबर आदि की जानकारी देनी होगी.
- ग्राम पंचायत द्वारा तैयार की गई कमेटी इन किसानों द्वारा दी गई जानकारी का सत्यापन करेगी जिसके बाद जिला स्तरीय कमेटी के पास जानकारी भेजी जाएगी.
- जिला स्तरीय कमेटी के सत्यापन के बाद प्रोत्साहन राशि किसानों के अकाउंट में भेज दी जाएगी.