नई दिल्ली, PM Jivan Jyoti Bima Yojana :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आम लोगों के लिए कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, इनमें से एक योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना भी है. इस योजना को साल 2015-16 के बजट के दौरान लागू किया गया था. आज की इस खबर में हम आपको PM Jivan Jyoti Bima Yojana के बारे में डिटेल जानकारी देने वाले हैं, इसके लिए आपको हमारे इस आर्टिकल में लास्ट तक बने रहना है.
क्या है प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
केंद्र सरकार की तरफ से देश के नागरिकों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, इनमें से एक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना भी है. इस योजना का लाभ मध्यम वर्ग से हर वर्ग को मिल रहा है. अगर आप इस योजना (PM Jivan Jyoti Bima Yojana) के जरिए पॉलिसी खरीदते हैं, तो साल भर में एक बार आपको बेहद ही कम राशि का भुगतान करना पड़ता है. केंद्र सरकार की तरफ से साल 2015 में इस योजना को शुरू किया गया था. इसको शुरू करने का मुख्य उद्देश्य था कि देश का प्रत्येक नागरिक इस पॉलिसी को खरीद सके और हर वर्ष भुगतान कर सके.
इस प्रकार मिलता है बीमा प्रीमियम का लाभ
इस PM Jivan Jyoti Bima Yojana के जरिए यदि किसी भी कारण से पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो 200000 रूपये और प्रतिवर्ष 436 रुपए प्रीमियम का बीमा किया जाता है. बीमा प्रीमियम खाताधारक के अकाउंट से ऑटो डेबिट कर दिया जाता है. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एक बीमा योजना है,जो किसी भी कारण से अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसे जीवन बीमा कवर प्रदान करती है, हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह एक साल का कवर होता है जिसे हर साल रिन्यू करवाया जाता है. यह योजना (PM Jivan Jyoti Bima Yojana) बैंक और डाकघर द्वारा पेश की जाती है. जिन भी नागरिकों की उम्र 18 साल से 50 साल के बीच में है, वह इस योजना में शामिल हो सकते हैं. अगर आपके पास एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट है, तो आप किसी भी एक अकाउंट से इस योजना में जुड़ सकते है.
इस प्रकार होता है बीमा का समापन
- वार्षिक नवीनीकरण के अधीन 55 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो जाने पर
- अगर आप PM Jivan Jyoti Bima Yojana के जरिए कई कवरेज के मामलों को शामिल करते हैं. वही बीमा कवर ₹200000 तक सीमित होगा, नहीं तो आपका प्रीमियम जब्त किया जा सकता है.
- बैंक अकाउंट का के बंद होने पर या बीमा को जारी रखने के लिए अपर्याप्त शेष ना होने पर.